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मधुबनी चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन मेजर जनरल अनुज माथुर विशिष्ट सेवा मेडल ने किया

जयपुर 17 अगस्त 2024 पूरे देश में नारी के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की ख़बरें आम हो रखी हैं, ऐसे ही वक्त पर जयपुर के एक बिल्कुल ही साधारण परिवार में जन्मी श्रीमती वैशाली सिंह ने अपने विश्वास और धर्य का परिचय देते हुए अपने लिए एक मुकाम हासिल किया है और देश की बाकी नारियों के लिए एक प्रेरणा श्रोत बनी हैं। इन्होंने बचपन से ही मधुबनी चित्र कला सीखना शुरु किया और फिर अपनी अपनी शिक्षा के साथ-साथ इन्होंने मधुबनी चित्रकला को भी और आगे बढ़ाया और फिर इनकी शादी एक आर्मी ऑफिसर से हो गई, जहां आम औरतें ऐसों आराम की जिंदगी जीना पसंद करती हैं वहीँ इन्होंने अपने लिए संघर्षशील जीवन जीना पसंद किया । इन्होंने अपने खुद के बल बूते कई छोटी छोटी प्रदर्शनी लगायी हैं। इसके साथ साथ इन्होंने फौज की बाकी लेडिज और आर्मी के परिवारों को स्वावलंबी और प्रयत्नशील बनने में बहुत अहम भूमिका निभायी हैं। साथ ही उनका यह भी मानना है कि हमारे देश की विलुप्त होती क्षेत्रीय कला को हमारे आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचनी चाहिए ताकि हमारे देश की धरोहर को संरक्षित किया जा सके

मीडिया कोऑर्डिनेटर नंदकिशोर शर्मा ने बताया कि आज एक प्रदर्शनी जयपुर के जवाहर कला केंद्र में मधुबनी चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ मेजर जनरल अनुज माथुर, विशिष्ट सेवा मेडल, रिटायर्ड ने और Rolika Singh Director Arena Annimation ने आज 17 अगस्त को किया। मेजर जनरल अनुज माथुर रिटायर्ड ने अपने उद्बोधन मे कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति अनादि काल से पूजनीय रही है। नारी के प्रति सम्मान का भाव हमेशा रहा है। नारी शक्ति का अपमान किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाता। नारी शक्ति का अपमान करने वालों को हर क्षेत्र में पराजय मिलती है। नारी शक्ति के उत्थान एवं उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार ने तमाम योजनाएं लागू की हैं। नारी सशक्तिकरण के लिए सरकारें भी कई कदम उठा रही हैं इसके साथ साथ हर नारी को भी साहसी होना चाहिए , इस मधुबनी चित्र कला का प्रदर्शनी 17 और 18 अगस्त तक चलेगी। श्रीमती वैशाली सिंह एक आर्मी ऑफिसर से बन्धन मे बधने के बाद इस प्रदर्शनी का रुझान आर्मी के परिवारों में बहुत ज्यादा देखने को मिल रहा है

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