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जयपुर की अपनवी कुच्छल को भारत के शीर्ष 11 यंग चेंजमेकर्स में शामिल किया गया

टॉकिंग पेजेस की संस्थापक, अपनवी कुच्छल को “परफॉर्मिंग आर्ट्स के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान” के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित अशोका यंग चेंजमेकर्स के वैश्विक नेटवर्क में शामिल होने का सम्मान प्राप्त हुआ है। अपनवी, जो जयपुर की निवासी हैं, ने हाल ही में जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की है। वह इस वर्ष चुने गए शीर्ष 11 भारतीय युवाओं के समूह का हिस्सा हैं, जिनकी आयु 12 से 20 वर्ष के बीच है और जिन्होंने अपनी पहल से समाज में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।

इन युवाओं का चयन भारत और अन्य देशों से प्राप्त 2,000 से अधिक आवेदनों के पांच चरणों की गहन चयन प्रक्रिया के बाद किया गया। अशोका नेटवर्क के माध्यम से अपनवी अब राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सहानुभूति और बदलाव की संस्कृति को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाएंगी।

अपनी इस उपलब्धि पर बात करते हुए अपनवी ने कहा, “मैं इस दुनिया के सबसे बड़े चेंजमेकर्स और सोशल एंटरप्रेन्योर्स नेटवर्क का हिस्सा बनने के लिए बेहद उत्साहित हूं। यह मेरे लिए ‘टॉकिंग पेजेस’ में हमारे कार्य को आगे बढ़ाने और इस समुदाय से सीखने का एक शानदार अवसर है।”

अशोका इनोवेटर्स फॉर द पब्लिक की क्षेत्रीय प्रमुख, डॉ. श्रुति नायर ने कहा, “अपनवी कुच्छल का समाज के दृष्टिकोण और व्यवहार को सकारात्मक दिशा में बदलने का प्रयास हमारे देश के युवाओं और हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। हमें ऐसे युवा चेंजमेकर्स का समर्थन करना चाहिए ताकि समाज यह समझ सके कि हममें से हर एक के पास बदलाव लाने की शक्ति है।”

टॉकिंग पेजेस एक सामाजिक आंदोलन है, जो स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव बच्चों को परफॉर्मिंग आर्ट्स के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों को पार करने में मदद करता है। यह पहल बच्चों को आत्म-अभिव्यक्ति, आंतरिक शक्ति और भावनात्मक सुदृढ़ता का सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। थिएटर कलाकारों, संगीतकारों, मनोवैज्ञानिकों और चित्रकारों की एक समर्पित टीम के साथ, टॉकिंग पेजेस स्कूलों का दौरा करता है ताकि बच्चों को रचनात्मकता और मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में प्रेरित किया जा सके। इस पहल ने हजारों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, और यह अस्पतालों, डॉक्टरों व स्थानीय समुदायों के साथ भी सहयोग करता है, जिससे स्थायी परिवर्तन लाया जा रहा है। एनडीटीवी द्वारा भी इसे ‘चेंजमेकर’ के रूप में मान्यता मिली है। यह पहल आगे भी नई पीढ़ियों को भावनात्मक रूप से सशक्त और मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

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