जयपुर, 5 अक्टूबर। भारतीय हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक अग्रणी मंच ‘शिल्पकारी’, दो दिवसीय एग्जीबिशन का जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में भव्य आगाज हुआ। एग्जीबिशन का उद्घाटन फिक्की फ्लो, जयपुर की चेयरपर्सन, रघुश्री पोद्दार; सीआईआई-आईडब्ल्यूएन राजस्थान, चेयरवुमन, निवेदिता आर सारदा और फोर्टी वुमन विंग, प्रेसिडेंट, डॉ अल्का गौड़ द्वारा किया गया। इस अवसर पर मेडिटेशन एक्सपर्ट और यगन आचार्या, निर्मला सेवानी द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ एग्जीबिशन का शुभारंभ किया गया। यह एग्जीबिशन बिड़ला ऑडिटोरियम के फ्रंट लॉन्स में 6 अक्टूबर तक सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित होगी।
इस अवसर पर रघुश्री पोद्दार ने कहा कि “भारत की समृद्ध विरासत को ‘शिल्पकारी’ के माध्यम से एक मंच पर साथ लाना वास्तव में सराहनीय पहल है। यहां प्रदर्शित आर्टवर्क की विविधता हमारे देश को परिभाषित करने वाली शिल्पकला का सच्चा उत्सव है। चंदेरी की जटिल बुनाई से लेकर बांधनी के जीवंत रंगों तक, हर एक प्रोडक्ट परंपरा, रचनात्मकता और हमारे आर्टीजंस की भावनाओं को प्रदर्शित करता है। यह एग्जीबिशन सिर्फ प्रोडक्ट्स के शोकेस से कहीं अधिक है – यह उस कला और संस्कृति को भी ट्रिब्यूट है, जिससे भारत की विश्व में पहचान है”
शिल्पकारी की संस्थापक, शिल्पी भार्गव ने बताया कि इस एग्जीबिशन में कई राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और स्टेट अवॉर्ड विजेता आर्टीजंस और कलाकारों द्वारा तैयार कला और शिल्प के उत्कृष्ट, हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। यहां हैंडक्राफ्टेड टैक्सटाइल की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है, जिसमें अजरख, इको प्रिंट और कलमकारी जैसे प्रसिद्ध हस्त प्रिंट और पेंट शामिल हैं। पारंपरिक एम्ब्राएडरी वर्क, जैसे कि एप्लिक और टांका, जरदोजी, चिकनकारी, कश्मीरी, फुलकारी, और कांथा भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, आशावाली ब्रोकेड, चंदेरी, तंगालिया, भुजोड़ी, जामदानी, हिमालयन हैंडलूम, कोसा सिल्क, माहेश्वरी, पटोला और इकत जैसी जटिल बुनाई वाले वस्त्रों के साथ- साथ बाटिक, बांधनी, शिबोरी और इटाजिम जैसी प्रिंटिंग तकनीकों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है।
विजिटर्स के लिए एग्जीबिशन में विविध प्रकार के उत्पाद शामिल किए गए हैं। इसमें किलिम एक्सेसरीज, हाथ से बुने हुए केन प्रोडक्ट्स, सस्टेनेबल नारियल के शैल की मोमबत्तियां, सेरेमिक्स, चिकनकारी एक्सेसरीज, सबई ग्रास प्रोडक्ट्स, बच्चों के लिए हस्तनिर्मित शैक्षिक DIY किट्स, रंगीन ग्लास पर हैंड-पेंटेड क्राफ्ट, हस्तनिर्मित लेदर गुड्स, कच्छ के कारीगरों द्वारा प्रोडक्ट्स के साथ ही पारंपरिक मेटलवर्क शामिल हैं।
गौरतलब है कि शिल्पकारी का उद्देश्य एक ऐसे मंच का निर्माण करना है, जो पारंपरिक कारीगरों और आधुनिक उपभोक्ताओं को जोड़ते हुए उनके बीच दूरी को कम कर सके। इस पहल का उद्देश्य सस्टेनेबल फैशन प्रैक्टेसिस को बढ़ावा देना है, जिससे आर्टीजंस को सशक्त बनाया जा सके, फैशन उद्योग के पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके और ग्राहकों को उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले, टाइमलैस उत्पाद प्रदान किए जा सकें। निष्पक्ष व्यापार और नैतिक उत्पादन के माध्यम से संगठन का लक्ष्य एक सकारात्मक सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव पैदा करना है, जो कारीगरों और समुदायों दोनों के विकास में योगदान दे।