EDUCATIONHINDINATIONAL

कोटा विश्वविद्यालय का प्रथम औद्योगिक अकादमिक सम्मेलन

राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि पर्यटन आर्थिक विकास का उत्प्रेरक है। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में पर्यटन एक अभिन्न अंग के रूप में सदियों से विद्यमान रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में चारधाम यात्रा एवं अन्य धार्मिक यात्राओं की प्राचीन परंपरा रही है, जो लोगों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ती है।

राज्यपाल मंगलवार को कोटा विश्वविद्यालय के प्रथम औद्योगिक अकादमिक सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यटन रोजगार और आर्थिक विकास से सीधा जुड़ा हुआ है। उन्होंने भारतीय स्थापत्य कला की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहरों की नक्काशी और विशिष्ट कलाकृतियों के कारण वे आज वैश्विक पहचान बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि सिंगापुर जैसे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर है। भारत में भी पर्यटन को इसी दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोटा शहर चंबल नदी के किनारे स्थित होने के कारण प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व रखता है। कोटा में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की अपार संभावनाएं हैं।

राज्यपाल ने कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा कि कौशल रोजगार और रोटी की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यटन और कौशल विकास साथ-साथ चलते हैं। यदि युवाओं को पर्यटन उद्योग से जोड़ते हुए उन्हें आवश्यक कौशल प्रदान किया जाए, तो इससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। उन्होंने होटल उद्योग, टूर गाइड, इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

राज्यपाल ने राजस्थान के किलों, हवेलियों, मंदिरों, वन्यजीव अभयारण्यों और पारिस्थितिकी तंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान देश और विदेश के पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केन्द्र रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन एक ऐसा उद्योग है जो अन्य छोटे व्यवसायों को भी प्रोत्साहित करता है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है।

मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रो. संदीप कुलश्रेष्ठ ने कहा कि भारतीय संस्कृति में “अतिथि देवो भव” की अवधारणा प्राचीन काल से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि भारत में हमेशा से ही लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण होता आया है, जिसका उल्लेख वेदों और रामायण-महाभारत में भी मिलता है। सम्मेलन में पर्यटन से जुड़े छात्रों के साथ शिक्षा ,पर्यटन एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *