राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (RIFF) का हुआ रंगारंग आगाज

– उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
– पहले दिन आधा दर्जन से अधिक फिल्मों का हुआ प्रदर्शन
– आज भी जारी रहेगी फिल्म यात्रा
जोधपुर, 01 फरवरी। फिल्म सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FFSI) नॉर्थ रीजन से मान्यता प्राप्त राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 11वें संस्करण का शनिवार को रंगारंग उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। आयनॉक्स पीवीआर रॉयल अंसल प्लाजा में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में महापौर उत्तर कुन्ती परिहार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे, वहीं राजस्थान पर्यटन विभाग के उपनिदेशक भानु प्रताप ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। वरिष्ठ उद्यमी एवं समाजसेवी पवन मेहता, सुरेश राठी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस अवसर पर महापौर उत्तर कुंती परिहार ने कहा कि राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल प्रदेश की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने का भागीरथी प्रयास है। उन्होंने कहा कि 1960 के दशक से प्रदेश के विभिन्न स्थानों में बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग शुरू हुई थी और ऐसी कई फिल्में हैं जिनकी शूटिंग जोधपुर में हुई और लेकिन हमें इसकी जानकारी नहीं है। इस फिल्म फेस्टिवल के माध्यम से न केवल हमें ज्ञानवर्धक और संस्कृति से जोड़ने वाली फिल्मों को देखने का अवसर मिलेगा, बल्कि हमारी कला और संस्कृति को देश और विदेश के विभिन्न स्थानों में पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा की फिल्म फेस्टिवल के दौरान लगी फिल्म प्रदर्शनी से युवाओं को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलेगा। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक भानु प्रताप ने कहा कि प्रदेश में टूरिस्ट की बहुत अधिक संभावना है और रिफ के माध्यम से हम प्रदेश की कला और संस्कृति को सात समुंदर पार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे ताकि अधिक से अधिक बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के निर्माता एवं निदेशक राजस्थान की कला और सांस्कृतिक विरासत की तरफ आकर्षित हो सके। इस अवसर पर रिफ ज्यूरी मेंबर अजीत राय ने कहा कि इस तरह के फिल्म महोत्सव के माध्यम से लोगों की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आता है और यह लोग समाज में बदलाव की दिशा में आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया बेहतर होनी चाहिए और जीने लायक होनी चाहिए। रिफ के डायरेक्टर सोमेंद्र हर्ष ने कहा कि कई फिल्मों को बड़े प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ होने का मौका नहीं मिला, उन्हें बढ़ावा देने के लिए रिफ का आयोजन किया गया है। पिछले 10 वर्षों से रिफ से जुड़ी फ्रांस की मेरिनो बोरगो ने कहा कि जोधपुर एक जादुई शहर है, और मुझे जोधपुरी साफ़े बेहद पसंद हैं। वहीं जूरी मेंबर ऑस्ट्रेलिया के चार्ल्स थॉमसन ने कहा कि रिफ के माध्यम से हम देश-विदेश में ऊंचाइयों को छू सकें और राजस्थान को सिनेमा का केंद्र बना सकें। फाउंडर रिफ अंशु हर्ष ने कार्यक्रम का संचालन किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों ने बांधा समां
रिफ के उद्घाटन समारोह में गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। भाव नृत्य कला अकादमी की वंशिका, प्राची, परी ने गणेश वंदना प्रस्तुत की इसके बाद आईसीसीआर (अंतरराष्ट्रीय संबंध परिषद) की ओर से हिना और दिव्या ने चरी नृत्य पेश किया। इसके बाद परी, वंशिका, प्राची, वीरा, लविशा और भूमिजा ने पारंपरिक घूमर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया वहीं कपिल के “रिम भवई” नित्य को देख हर कोई अचंभित रह गया। वही नेहल ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी।
पहले दिन इन फिल्मों का वह प्रदर्शन
पहले दिन ‘धींगा गवर’ पर बनी फिल्म प्रदर्शित हुई।‘धींगा गवर’ जोधपुर में मनाया जाने वाला पारंपरिक त्योहार है, जिसमें विवाहित महिलाएं गवर माता की पूजा करती हैं और पुरुषों के वस्त्र धारण कर उनके व्यवहार की नकल करती हैं, जिससे समाज में लैंगिक असमानताओं पर ध्यान आकर्षित होता है।निर्देशक सोमेंद्र हर्ष की वृत्तचित्र फिल्म ‘धींगा गवर’ इस त्योहार की परंपराओं, रीति-रिवाजों और सामाजिक संदेश को उजागर करती है। यह फिल्म न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती है, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण और दाम्पत्य सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है फिल्म में जोधपुर की गलियों में होने वाले उत्सव के जीवंत दृश्य, महिलाओं की तैयारियां और इस परंपरा के सामाजिक महत्व को खूबसूरती से दिखाया गया है।
‘द फेडिंग सैफायर’ (The Fading Sapphire)
एक लघु वृत्तचित्र है, जिसका निर्देशन ईशान हर्ष ने किया है। यह फिल्म जोधपुर, जिसे ‘ब्लू सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है, की आकर्षक सुंदरता को प्रदर्शित करती है। फिल्म में जोधपुर के नीले रंग से रंगे घरों, समृद्ध इतिहास, संस्कृति और परंपराओं को दर्शाया गया है। यह वृत्तचित्र शहर की स्थापत्य कला, स्थानीय जीवनशैली और सांस्कृतिक धरोहर की झलक प्रस्तुत करता है, जिससे दर्शकों को जोधपुर की विशिष्टता और उसकी नीली दीवारों के पीछे छिपी कहानियों का पता चलता है।
“टिंगल बेल्कु” (द लाइट फॉर द रेस्ट ऑफ द वॉक)
एक कन्नड़ लघु फिल्म है जो संभवतः जीवन की यात्रा में आशा, ज्ञान या मार्गदर्शन के विषयों की खोज करती है। शीर्षक प्रकाश के एक रूपक या शाब्दिक स्रोत का सुझाव देता है जो पात्रों को चुनौतियों से निपटने में मदद करता है। यह व्यक्तिगत परिवर्तन, संघर्षों पर काबू पाने, या ज्ञान और अनुभव के माध्यम से उद्देश्य खोजने की कहानी हो सकती है।
‘द इन्वेस्टिगेटर’
एक रहस्यमय फिल्म है, जिसका निर्देशन कमिल शेख ने किया है और इसे जेन बेकर और कमिल शेख ने मिलकर प्रोड्यूस किया है। फिल्म की कहानी एक अन्वेषक के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे नासिक स्थानांतरित किया जाता है। उसे एक निचली जाति की मूक-बधिर महिला की संदिग्ध “आत्महत्या” के मामले को जल्द से जल्द बंद करने का काम सौंपा जाता है। महिला की लाश फ्रिज में पाई जाती है, जिससे मामला और भी पेचीदा हो जाता है।
फिल्म में शोनाली नागरानी, रोहित कोकाटे, कमिल शेख और मेहरिन सबा ने अभिनय किया है। फिल्म की अवधि 2 घंटे 6 मिनट है। वर्तमान में, यह फिल्म भारत में स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध नहीं है।
‘आवान जावन’ – राजस्थान की लोक संस्कृति का संगीतमय उत्सव
‘आवान जावन’ एक राजस्थानी संगीत वीडियो है, जो राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करता है। फिल्म में राजस्थानी लोक संगीत, नृत्य और पारंपरिक परिधानों का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है।
निर्देशक: ऋषि सिंह सिसोदिया
गायक: फकीरा खान, कसम खान
कलाकार: प्रफुल बोराना, दीपिका
यह गीत राजस्थान के लोक जीवन, उसकी परंपराओं और संगीत की विविधता को खूबसूरती से प्रस्तुत करता है। इसकी शूटिंग राजस्थान के विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर की गई है, जो राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।
‘लौटते बसंत का प्रेम गीत’ – एक स्त्री के आत्मनिर्भर बनने की कहानी
फिल्म की मुख्य पात्र सौम्या एक पुलिस अधिकारी से विवाह करती है, जो उसे केवल एक वस्तु समझता है और सम्मान नहीं देता। मानसिक और शारीरिक आघात सहने के बाद, जब वह अपने पिता और भाई के पास लौटती है, तो वे भी उसका साथ नहीं देते।
आखिरकार, वह अपनी बेटी के साथ नया जीवन शुरू करने के लिए दूसरे शहर चली जाती है। समय के साथ, उसकी बेटी की शादी हो जाती है, और वह जॉन नामक व्यक्ति से मिलती है, जो जीवन के अकेलेपन से जूझ रहा है। हालांकि, सौम्या विवाह के बंधन में नहीं बंधना चाहती, क्योंकि उसने शादी से मिले दर्द को भुलाया नहीं है।
यह फिल्म एक स्त्री के संघर्ष, आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता की गहरी कहानी बयां करती है।
आज यह रहेंगे रिफ के आकर्षण
दूसरे दिन की शुरुआत “लुकअप – द साइंस ऑफ़ कल्चर इवोल्यूशन” (नॉर्वे फ़िल्म) से होगी, जो सुबह 8:00 बजे प्रदर्शित होगी। इसके बाद “द लाइट” (एनीमेशन फ़िल्म) 11:00 बजे दिखाई जाएगी।
दोपहर में “नॉट” (12:35 बजे), “भक्ति करता” (12:50 बजे), “मुक्ति – द रिडेम्पशन” (12:56 बजे), “बाज” (1:20 बजे) और “प्लॉट नंबर 302” (1:30 बजे) प्रदर्शित होंगी।
इसके अलावा, “ओपन फोरम” में “क्राफ्टिंग स्टोरीज़ इन द स्ट्रीमिंग एरा” पर चर्चा होगी।
शाम को “सीट बेल्ट” (3:45 बजे), “बंदी गृह” (4:05 बजे), “द बुक रिवाइवल” (5:40 बजे), “गुड्ड की ढाणी” (5:55 बजे), “अप्सरा” (6:25 बजे) और “पुरानी परिचित” (6:55 बजे) दिखाई जाएंगी।
दिन का समापन “द चाय वाला गाय” (8:20 बजे), “कबीर’स पाथ” (8:40 बजे) और “सुमा – द फ्लावर” (9:40 बजे) के प्रदर्शन के साथ होगा।