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माला माथुर स्मृति दिवस पर सखी ने प्रस्तुत किए भारतीय नारी के विभिन्न रूप

जयपुर। माला माथुर स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में, 8 नवंबर को महाराणा प्रताप सभागार में एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘सखी’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम श्रुति मंडल द्वारा माला माथुर की स्मृति में आयोजित किया गया जिसमें भारतीय नारीत्व के विभिन्न रूपों को संगीत, नृत्य और कला के माध्यम से प्रस्तुत किया गया ।

‘सखी’ भारतीय नारीत्व की शक्ति में गहराई से निहित है, जो भारत माता की पवित्र भूमि और गंगा मां (गंगा नदी) के आध्यात्मिक पथ से प्रेरणा लेती है। यह कार्यक्रम भारतीय पौराणिक कथाओं, आध्यात्मिकता और रोजमर्रा की जिंदगी में मनाए जाने वाले नारीत्व के रूपों को श्रद्धांजलि देता है। दुर्गा (शक्ति), सरस्वती (ज्ञान), और लक्ष्मी (धन) की दिव्य ऊर्जाओं से निर्देशित, ‘सखी’ का उद्देश्य प्राचीन और आधुनिक भारतीय महिलाओं के साहस, अनुग्रह और शक्ति का उत्सव मनाना है।

इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायिका कौशिकी चक्रवर्ती अपनी भावपूर्ण गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कौशिकी हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की उत्कृष्ट साधक हैं और उनकी गायिकी में ठुमरी, दादरा, और खयाल का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। उनका संगीत शास्त्रीय परंपराओं में नारी की अभिव्यक्ति और शक्ति को एक नए अंदाज में प्रस्तुत करता है। वायलिन पर नंदिनी शंकर, बांसुरी पर देबोप्रिया चटर्जी, नृत्य में भक्ति देशपांडे, तबले पर सावनी तलवारकर और पखावज पर महिमा उपाध्याय का साथ कार्यक्रम को और भी मनमोहक बनाया ।

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