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सांस्कृतिक धरोहर और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने में युवा पीढ़ी की भूमिका महत्वपूर्ण- स्मृति ईरानी

जयपुर, 6 मार्च। “हमारी सांस्कृतिक धरोहर को रिटेल इंडस्ट्री से जोड़कर रखेंगे, तो न केवल आने वाली पीढ़ी इसे आगे बढ़ाएगी, बल्कि हम इसे वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान दिला पाएंगे। हैंडिक्राफ्ट का अंतरराष्ट्रीय बाजार लगभग एक हजार बिलियन डॉलर का है, लेकिन भारत की वर्तमान भूमिका इस बाजार में 2023-2024 के आंकड़ों के अनुसार केवल 32 हजार करोड़ रुपये है। यह एक क्षेत्र है जिसमें हम और अधिक योगदान कर सकते हैं।” यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री, महिला एवं बाल विकास, स्मृति ईरानी ने आज सिटी पैलेस में प्रिंसेस दीया कुमारी फाउंडेशन (पीडीकेएफ) द्वारा आयोजित हो रहे ‘पीडीकेएफ आर्टिजन कलेक्टिव’ के उद्घाटन समारोह के दौरान कही।

पीडीकेएफ आर्टिज़न कलेक्टिव, जिसकी संकल्पना जयपुर की प्रिंसेस गौरवी कुमारी ने की है और आकांक्षा मित्तल के सहयोग से, सोनालिका ट्रैक्टर्स द्वारा पावर्ड है। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में पूरे भारत से 50 से अधिक विमेन आर्टिजंस और एंटरप्रेन्योर्स भाग ले रही हैं, जो हेरिटेज क्राफ्ट्स, कंटेम्पररी डिजाइन और सस्टेनेबल बिजनेस की विविध रेंज को प्रदर्शित कर रही हैं। जिसमें केरला क्राफ्ट, ब्लू पॉटरी, कालीघाट पेंटिंग, एप्लिक एम्ब्राएडरी, पंजा दर्री बुनाई, भुजोडी हथकरघा और लाख की चूड़ियां आदि शामिल हैं।

स्मृति ईरानी ने युवा पीढ़ी की सराहना की, जो पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देने और उन्नत करने के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि “सिटी पैलेस का यह प्रांगण अपने आप में ऐतिहासिक है और कला, संस्कृति, और शौर्य का प्रतीक है। आज यहां इस कला और संस्कृति के जश्न में उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।” उन्होंने इस पर प्रकाश डाला कि आज के एआई. युग में, जहां सभी देश टेक्नोलॉजी की दौड़ में हैं, भारत अपनी सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर को टेक्नोलॉजी के साथ मिलाकर एक लोकतांत्रिक व्यवस्था प्रस्तुत कर रहा है। भारतीय सरकार ने अब तक लगभग 30 लाख हैंडिक्राफ्ट आर्टिजंस को, जिनमें से 14 लाख महिलाएं हैं, एक विशेष पहचान कार्ड उपलब्ध कराया है, जिससे उन्हें वित्तीय संस्थान, क्रेडिट एजेंसियों और बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके।

इस तीन दिवसीय आयोजन का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री, स्मृति ईरानी; पीडीकेएफ की जनरल सेक्रेटरी, प्रिंसेस गौरवी कुमारी; हिज हाईनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह और रिपब्लिक ऑफ जूफारी की संस्थापक, आकांक्षा मित्तल द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।

पीडीकेएफ की जनरल सेक्रेटरी, जयपुर की प्रिंसेस गौरवी कुमारी ने उद्घाटन समारोह में अतिथियों और आगंतुकों का स्वागत किया। पीडीकेएफ के आर्टिज़न कलेक्टिव के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए, जो विमेन आर्टिजंस को सशक्त बनाने और भारत की समृद्ध शिल्प धरोहर को संरक्षित करने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि यह कलेक्टिव उन विमेन आर्टिजंस से प्रेरित है, जो पारंपरिक शिल्प जैसे फुलकारी और पटचित्र को नए तरीके से प्रस्तुत कर रही हैं। 12 से अधिक राज्यों के आर्टिजंस को इस कलेक्टिव में शामिल किया गया है, जहां हमारा लक्ष्य उन्हें शिल्प उद्यमी (क्राफ्ट-प्रेन्योर) के रूप में विकसित होने, अपना स्वयं का बाजार स्थापित करने और वैश्विक स्तर पर अपनी योग्यता का विस्तार करने में मदद करना है।

इससे पूर्व अपने उद्घाटन भाषण में रिपब्लिक ऑफ जूफारी की संस्थापक, आकांक्षा मित्तल ने कहा कि जब महिलाएं एकजुट होकर आगे बढ़ती हैं, तो पूरा राष्ट्र उनके साथ उन्नति करता है। उन्होंने पीडीकेएफ के दृष्टिकोण और देश भर की महिला कारीगरों को सशक्त बनाने के प्रति इसकी प्रतिबद्धता की सराहना की। बड़े उद्देश्यों के लिए प्रतिभा का सही तरीके से उपयोग करने के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने साझा किया कि कैसे प्रेरणादायक महिलाएं—चाहे वह उनकी मां, कल्पना चावला या इंदिरा गांधी हों—ने उनके दृष्टिकोण को आकार और प्रभावित किया है। उन्होंने पीडीकेएफ आर्टिज़न कलेक्टिव के बारे में बात करते हुए कहा कि यह पहल शिल्प और सशक्तिकरण के क्षेत्र में निरंतर सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

पैनल चर्चा

इस कार्यक्रम के तहत, 7 मार्च को पीडीकेएफ आर्टिज़न कलेक्टिव में “एम्पावरिंग विमेन एज एंटरप्रेन्योर्स” विषय पर एक विचार-प्रेरक पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी। यह पैनल चर्चा इस बात पर ध्यान केंद्रित करेगी कि विमेन आर्टिजंस अपने व्यवसाय को कैसे बढ़ा रही हैं, बाजारों तक कैसे पहुंच बना रही हैं और ब्रांडिंग का उपयोग करके स्थायी उद्यम कैसे स्थापित कर रही हैं। इस सत्र में जयपुर की प्रिंसेस गौरवी कुमारी; अवॉर्ड-विनिंग आर्टिजन एवं सामाजिक उद्यमी, रूमा देवी; रिपब्लिक ऑफ जूफारी की संस्थापक एवं सोनालिका ट्रैक्टर्स सीएसआर, निदेशक, फिलांथ्रोपिस्ट और सामाजिक उद्यमी, आकांक्षा मित्तल शामिल होंगी। पैनल में अगली पीढ़ी के क्राफ्ट लीडर्स को सशक्त बनाने के लिए प्रमुख चालकों के रूप में ‘मेंटरशिप’, ‘ट्रेनिंग’ और ‘नेटवर्किंग’ पर भी चर्चा की जाएगी।

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